ये पढ़ें: Xiaomi के लॉन्च हुए इन स्मार्टफोनों में हैं 120Hz डिस्प्ले, Dolby Vision, 120W फ़ास्ट चार्जिंग जैसे आकर्षक फ़ीचर लिथुआनिया की डिफेन्स मिनिस्ट्री का कहना है कि Xiaomi के स्मार्टफोनों में कुछ ऐसे बिल्ट-इन फ़ीचर शामिल हैं, जो फ़ोन में उन शब्दों या शर्तों को अपने आप सेंसर कर देते हैं या हटा देते हैं, जिनसे चीन को कोई आपत्ति है, जैसे कि (Taiwanese independence (ताइवान की स्वतंत्रता), freeing Tibet (तिब्बत को मुक्त करना)) इत्यादि।

सबसे पहले Reuters ने रिपोर्ट किया कि, यहां सरकार ने Xiaomi के जिस स्मार्टफोन पर सवाल उठाये हैं वो Mi का नया फ़ोन Mi 10T 5G ही है। रक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र का कहना है कि भले ही European Union region (यूरोपीय संघ क्षेत्र) में सेंसरशिप की क्षमता बंद कर दी जाती है, लेकिन उन्हें दूरस्थ रूप से यानि रिमोटली वापस शुरू किया जा सकता है। यही कारण है है कि Xiaomi को अब ये देश अपनी सीमा से बाहर कर देना चाहता है। ये भी पढ़ें: Xiaomi जल्द ला रहा है भारत का सबसे पतला और सबसे हल्का 5G फ़ोन सामने आयी इस रिपोर्ट के अनुसार, Xiaomi के स्मार्टफोन के सिस्टम एप्लीकेशनों द्वारा जो टर्म हटाई जाती हैं, उनकी सूची भी काफी लम्बी है। ये ऐप्स डिफ़ॉल्ट इंटरनेट ब्राउज़र समेत 449 terms यानि कि पारिभाषिक शब्दों को हटा देते हैं। साथ ही इस रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि Xiaomi फोनों द्वारा सिंगापुर के किसी सर्वर पर भी एन्क्रिप्टेड मैसेज भेजे जा रहे थे। एक और बात यहां जो सामने आयी है, वो ये है कि एक अन्य स्मार्टफोन निर्माता के फ़ोन में भी सुरक्षा सम्बन्धी कुछ खामियां नज़र आयी हैं और ये फ़ोन भी चीन का ही है- Huawei’s p40 5G। अगर उपयोगकर्ताओं को जो ऐप चाहिए वो नहीं मिल पाती है, तो इस फोन की ऐप गैलरी उपयोगकर्ताओं को थर्ड-पार्टी ऐप रिपॉजिटरी पर ले जाती है। बताया गया है कि इनमें से कई थर्ड पार्टी ऐप भी malicious यानि कि गलत ऐप्स को आपके फ़ोन का रास्ता दिखा देती है। हालांकि ये हैरानी वाली ख़बर सामने आने के बाद, अभी तक Xiaomi ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है। और ये ख़बर भी तब सामने आयी है जब लिथुआनिया और चीन के बीच संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं।

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